क्रमांक एफ-8-1/2007/54-1 द्वारा मध्यप्रदेश के राज्यपाल एतद् द्वारा, पिछड़े वर्ग
के विद्यार्थियों को विदेशों में विशिष्ट क्षेत्रों में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमो
/ शोध-उपाधि (पी.एचडी.) एवं शोध उपाधि उपरांत कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए वित्तीय
सहायता प्रदान करने के लिये वित्तीय वर्ष 2007-08 से विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना
विनियम 2008 लागू करने तथा योजना को प्रारभ करने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
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छात्रवृत्ति का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य चयनित पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को विदेशों में विशिष्ट क्षेत्रों
में स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रमो/शोध-उपाधि (पी.एचडी.) एवं शोध-उपाधि उपरांत शोध
कार्यक्रमाे में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान किया जाना है। इससे जहां एक
ओर लाभान्वित होने वाले पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा विदेशों में उच्च शिक्षा
प्राप्त कर विशिष्ट शैक्षणिक उपलिधयां प्राप्त करने के अवसर सुलभ हों वहीं दूसरी ओर
पिछड़ा वर्ग के अन्य विद्यार्थी भी उनकी उपलिधयों से आकर्षित होकर उच्च शिक्षा प्राप्त
करने की दिशा में और अधिक अग्रसर होंगे। पिछड़ा वर्ग हेतु वितरण के अनुसार प्रतिवर्ष
पांच छात्रवृत्ति याँ प्रदान की जाना प्रस्तावित है।
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पात्रता की शर्तें
शोध उपाधि उपरांत अध्ययन हेतु :- संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में प्रथम श्रेणी अथवा
60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी (ग्रेड) एवं संबंधित क्षेत्र में अनुभव के साथ
शोध उपाधि (पी.एचडी.) शोध उपाधि (पी.एचडी.) हेतु :- संबंधित स्नातकोत्तर परीक्षा में
प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी एवं संबंधित क्षेत्र में
दो वर्ष का अध्यापन/शोध/व्यावसायिक अनुभव/एम.फिल उपाधि। स्नातकोत्तर उपाधि हेतु :-
स्नातक उपाधि में प्रथम श्रेणी अथवा 60 प्रतिशत अंक या उसके समतुल्य श्रेणी (ग्रेड)
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आयु
आवेदन दिए जाने वाले वर्ष की 1 जनवरी को आयु 35 वर्ष से कम होना चाहिये। विशेष प्रकरणों
में समिति द्वारा 10 वर्षों तक शिथिलनीय।
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आय सीमा
नियोजित उमीदवार की अथवा उसके माता- पिता/अभिभावक की सभी स्त्रोतों से कुल वार्षिक
आय क्रीमीलेयर हेतु निर्धारित आयुसीमा से अधिक नहीं होनी चाहिये।
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एक को एक छात्रवृत्ति
एक परिवार में एक अयर्थी एवं एक बार छात्रवृत्ति - एक ही माता-पिता अथवा अभिभावक के
एक से अधिक बच्चों को छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता नहीं होगी। इस संबंध में
अयर्थी का स्वयं का प्रमाणीकरण आवश्यक होगा। एक बार छात्रवृत्ति प्राप्त कर चुके व्यक्ति
के नाम दूसरी बार अथवा उसके उपरांत छात्रवृत्ति देने हेतु विचार नहीं किया जाएगा।
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अनिवार्य शर्तें
ऐसे अभ्यर्थी जो नियोजन में है उन्हें अपने आवेदन नियोक्ता के अनापात्ति प्रमाण-पत्र
के साथ, नियोक्ता से अग्रेषित कराकर विज्ञापन में निर्धारित तिथि तक अथवा उसके पूर्व
आयुक्त/संचालक, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण, मध्यप्रदेश, आधारतल, सतपुड़ा भवन,
भोपाल को प्रेषित करना होंगे। अंतिम रूप से चयनित अयर्थियों को चयन की सूचना प्राप्त
होने के तीन वर्षों की समयावधि में विदेशों के अधिमान्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों
में प्रवेश करना होगा। इस निर्धारित अवधि की समाप्ति पर छात्रवृत्ति स्वतः निरस्त होकर
समाप्त हो जायेगी। योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए समयवृद्धि का
कोई निवेदन स्वीकार नहीं किया जायेगा। अयार्थियों को अधिमान्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों
में प्रवेश लेना अनिवार्य होगा। विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति की स्वीकृति प्रावीण्यता
(मेरिट) के आधार पर की जावेगी। चुने हुए अयर्थी को मध्यप्रदेश सरकार के पक्ष में उस
पर व्यय की जाने वाली राशि अथवा पचास हजार रुपये, दोनों में से जो भी अधिक हो, का एक
बंध पत्र गैर न्यायिक मुद्रांक पत्र पर नोटरी के समक्ष दो जमानतदारों जो अलग-अलग जमानत
पत्रक भरेंगें, निष्पादित करना होगा। प्रत्येक बंधपत्र में विदेश में सम्पूर्ण अध्ययन
के दौरान वृत्तिधारक पर भारतीय रुपयों में विशिष्ट रूप से अनुमानित व्यय किए जाने वाले
यात्रा खर्चे, शिक्षण शुल्क, निर्वाह एवं आकस्मिक भो, छात्रवृत्ति प्रशिक्षु वृत्ति
एवं अन्य फुटकर खर्चों का समावेश होगा और यह राशि सुरक्षादाता द्वारा अथवा छात्रवृत्ति
गृहीता द्वारा मध्यप्रदेश सरकार को पृथक और संयुक्त : उस स्थिति में देय होगी यदि
उसे उस योजना के प्रावधानों के अधीन चूककर्ता घोषित कर दिया जाता है। इस बंधपत्र की
भाषा मध्यप्रदेश शासन द्वारा तय की जाएगी और प्रत्याशी को स्वीकार्य होगी। चयनित प्रत्याशी
को मध्यप्रदेश सरकार के साथ इस आशय का एक और बंधपत्र निष्पादित करना होगा कि पाठ्यक्रम
के पूर्ण होने या छात्रवृत्ति की समयावधि की समाप्ति दोनों में से जो भी पहले हो के
उपरांत विदेश में नहीं रुका जा सकेगा। प्रत्याशी/छात्रवृत्ति ग्रहिता उस समयावधि के
उपरांत जिसके लिए छात्रवृत्ति प्रदान की गई है, विदेश में रहने की अनुमति नहीं मांगेगा।
इस बंधपत्र की भाषा म.प्र. शासन द्वारा तय की जाएगी और प्रत्याशी को स्वीकार्य होगी।
प्रत्याशी, स्वीकृत किए गए अध्ययन के पाठ्यक्रम अथवा शोधचर्या में परिवर्तन नहीं करेगा।
प्रत्याशी को मध्यप्रदेश शासन के साथ एक और बंध पत्र निष्पादित करना होगा कि वह केन्द्र
सरकार द्वारा विहित रूप मे अभिलेख त्यजन स्वीकृति प्रपत्र पर हस्ताक्षर करेगा और प्रत्याशी
को वह स्वीकार्य होगा। चयनित अभ्यार्थी म.प्र. शासन की पूर्व अनुमति के अध्याधीन जिसका
निर्णय इस बारे में अंतिम होगा एवं जिसे चुनौती नहीं दी जा सकेञ्गी, अपनी रुचि के किसी
ऐसे देश में स्थित मान्यता प्राप्त संस्थान में अध्ययन जारी रख सकेंगे जिनके साथ भारत
सरकार के राजनयिक संबंध हैं। योजना में विनिर्दिष्ट कार्यक्रम/क्षेत्रों में मान्यता
प्राप्त विश्वविद्यालयों/संस्थानों में प्रवेश के लिए प्रत्याशियों को स्वयं प्रयास
करना होंगे। सिद्धांततः विवाहित प्रत्याशी अपने साथ अध्ययनकाल के दौरान अपने जीवनसाथी
और बच्चों को नहीं ले जा सकेंगे और न ही बुलवा सकेंगे जव तक कि आकस्मिक परिस्थिति जैसे
गंभीर बीमारी की दशा में म.प्र. शासन की विशिष्ट और प्रथमतः पूर्व अनुमति से इस शर्त
में छूट न प्राप्त कर ली गई हो। मध्यप्रदेश शासन की ओर से छात्रवृत्ति गृहीता के साथ
जाने वाले जीवनसाथी और बच्चोँ के लिए कोई खर्चे देय नहीं होंगे। अयर्थी द्वारा अपने
नियुक्ता के साथ सेवाधीन संगठन के नियमानुसार समस्त प्रशासनिक मामलों यथालृ अवकाश
वेतन आदि का निबटारा सीधे ही किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन की इस बारे में कोई जिमेदारी
नहीं होगी और न ही इस बारे मे कोई सहायता दी जाएगी। आकस्मिकताओं की दशा में, जहाँ छात्रवृत्ति
गृहीता का विपरीत परिस्थिति से सामना करने के लिए कुछ समय के लिए भारत लौटना अपरिहार्य
हो, उसे वैसा करने की अनुमति दी जा सकेगी बशर्ते संबंधित शैक्षणिक संस्थान को इस बारे
में अवगत करा दिया गया हो। तथापि ऐसे आगमन के लिए छात्रवृत्ति गृहीता को आने जाने का
यात्रा व्यय स्वयं वहन करना होगा एवं विदेश स्थित अपने शैक्षणिक संस्थान के स्थान से
बाहर रहने की अवधि में योजना के अंतर्गत निर्वाह भत्ता पाने की पात्रता नहीं होगी
और ऐसा निर्वाह भत्ता पुनः उसी दिनांक से देय होगा जब छात्रवृत्ति गृहीता उसी संस्थान
मे अपना कार्य प्रारंभ कर दे। घर पर आकस्मिकता का सामना करने के तुरंत बाद जितनी जल्दी
संभव हो छात्रवृत्ति गृहीता को अपने शैक्षणिक संस्थान में लौट आना होगा। वैसा न कर
पाने की दशा में उसे चूककर्ता घोषित किया जा सकेगा और उसके विरुद्ध वसूली की कार्यवाही
संस्थित की जा सकेगी। इस योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति का उपभोग कर चुके समस्त अयर्थियों
के लिए भारत लौटना आवश्यक होगा और उन्हें किसी भी दशा में भारत सरकार और म.प्र. शासन
के किसी अधिकारी द्वारा भारत न लौटने की बाध्यता होने विषयक प्रमाण पत्र जारी नहीं
किया जाएगा। ऐसे छात्रवृत्तिगृहीता जो छात्रवृत्ति प्राप्त करने से पूर्व राज्य अथवा
भारत सरकार अथवा राज्य या केन्द्र क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम के कर्मचारी हो उन्हें
संबंधित राज्य शासन / सार्वजनिक उपक्रम में भारत लौटने के पश्चात पाँच वर्ष तक सेवा
करनी होगी। तथापि मध्यप्रदेश शासन ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किये जाएंगे, छात्रवृत्ति
की संपूर्ण राशि का भुगतान करने पर इस शर्त को विलोपित कर सकेञ्गा। अयर्थियों को उस
देश का उपयुक्त वीजा स्वयं प्राप्त करना होगा जहाँ अध्ययन के लिए यह छात्रवृत्ति प्रदान
की गई है और वीजा जारी करने वाले प्राधिकारी कृपया यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल इस
प्रकार का वीजा जारी किया जाए जिससे अभ्यर्थी को विदेश में अपना पाठ्यक्रम विशेष
पूरा करने की अनुमति हो और तदुपरांत वह भारत वापस लौट जाए। वीजा प्राप्त करने में मध्यप्रदेश
सरकार अयर्थी को किसी प्रकार की सहायता उपलध नहीं कराएगी। चयनित अयर्थियों को उनके
प्रस्थान से पूर्व ऐसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे और ऐसे अनुबंध निष्पादित करने
होंगे जो कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित किए जाएँ। यदि छात्रवृत्ति
गृहीता ने किसी दशा में अधिक भुगतान प्राप्त कर लिया हो तो उस पर मध्यप्रदेश सरकार
को उसे लौटाने का दायित्व होगा और उसके नियोक्तञ (यदि कोई हो) को इस बात के लिए अधिकृत
किया जाता है कि वे आधिक्य भुगतान की राशि को उससे वसूल कर ले और मध्यप्रदेश सरकार
के अनुरोध पर उसकी प्रतिपूर्ति मध्यप्रदेश सरकार को कर दे। मध्यप्रदेश सरकार का विनिश्चय
समय-समय पर उद्भूत सभी मामलों में अंतिम होगा। मध्यप्रदेश शासन इस योजना के अंतर्गत
छात्रवृत्ति से अध्ययन कर रहे व्यक्ति के संबंध मे संबंधित विश्वविद्यालय/संस्थान से
प्रति छःमाही प्रगति प्रतिवेदन प्राप्त करेगा। संबंधित संस्थान उन गंभीर प्रतिकूल स्थितियों
के बारे मे मध्यप्रदेश शासन को सूचित करेगा जिनकी वजह से छात्रवृत्ति को आगे जारी रखने
या अन्यथा किसी बारे में निर्णय लेने की आवश्यकता है तथापि संबंधित संस्थान चूककर्ता
छात्रवृत्ति गृहीता को समय-समय पर प्रतिवेदन मे अपनी उपलिधयों को सुधारने के लिए गंभीर
प्रयास करने की सलाह देंगे और वे यह भी स्मरण दिला सकेंञ्गे कि इस योजना के अंतर्गत
दी जा रही छात्रवृत्ति की समयाबधि को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसी परिस्थिति उत्पन्न
हो जाए कि जिसमें पी.एच.डी. अथवा पी.एच.डी. उपरांत शोध कर रहे छात्रवृत्ति गृहीता द्वारा
मूलतः पंजीकृत विश्वविद्यालय/संस्थान से उसका शोध निर्देशक पद त्याग कर गया हो और उसका
तत्काल कोई विकल्प उपलध न हो अथवा उस विश्वविद्यालय/संस्थान ने उसे शोध-समर्थन देना
बंद कर दिया हो जहाँ छात्रवृत्ति गृहीता पी.एच.डी./पी.एच.डी. उपरांत शोध अध्ययन कर
रहा है वहाँ उसे मध्यप्रदेश शासन की संतुष्टि एवं सहमति से विश्वविद्यालय/संस्थान बदल
लेने की अनुमति दी जा सकेगी, बशर्तें छात्रवृत्ति गृहीता द्वारा अपने मूल विश्वविद्यालय/संस्थान
में अर्जित उपलिधयों को दूसरे विश्वविद्यालय/संस्थान में अंतरित किया जाए एवं ऐसे स्थानांतरण/परिवर्तन
के बाद भी छात्रवृत्ति की कुल अवधि में कोई परिवर्तन नहीं हो, ऐसा छात्रवृत्ति की सपूर्ण
अवधि के दौरान सिर्ड्ड एक ही बार किया जा सकेगा। किसी विषय विशेष में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रञ्म
अथवा पी.एची.डी. अथवा पी.एच.डी. उपरांत शोध अध्ययन संपन्न करने के लिए छात्रवृत्ति
देने हेतु संभावित उमीदवारों का चयन करने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा एक समिति गठित
की जाएगी और छात्रवृत्ति के लिए चुने जाने की सूचना के दिनांक से प्रत्याशी को दो वर्ष
का समय दिया जाएगा। प्रत्याशी को चयनित पाठ्यक्रम हेतु विदेश प्रस्थान करने से पूर्व
म.प्र. शासन को इस आशय की घोषणा प्रस्तुत करनी होगी कि इस बीच प्रत्याशी ने किसी भारतीय
विश्वविद्यालय से ऐसी योग्यता अर्जित नहीं कर ली है अथवा किसी भारतीय विश्वविद्यालय
में ऐसी योग्यता के लिए सक्रिय संभावनायुक्त अपनी अंतिम थीसिस प्रस्तुत नहीं की है।
म.प्र. शासन अयर्थी से ऐसी घोषणा प्राप्त होने के उपरांत सयक, रूप से यह निर्णय लेगा
कि योजना के अंतर्गत क्या प्रत्याशी को छात्रवृत्ति प्रदान की जाए अथवा नहीं और अयर्थी
का विदेश प्रस्थान इस निर्णय पर निर्भर करेगा। ऐसे प्रकरणों में जहाँ छात्रवृत्ति गृहीता
को उसके द्वारा अध्ययन किए जा रहे पाठ्यक्रम में विश्वविद्यालय/संस्थान द्वारा निम्रतर
श्रेणी का मूल्यांकन दिया जाता है (जैसे-पी.एच.डी. के स्थान पर एम.फिल. प्रदान किया
जाना) तो म.प्र. शासन उन परिस्थितियों पर विचार कर सकेगा और अभिनिश्चित करेगा कि क्या
ऐसा छात्रवृत्ति गृहीता की शैक्षिक अक्षमता की वजह से हुआ अथवा इसके पीछे छात्रवृत्ति
गृहीता के समक्ष कोई अन्य विपरीत परिस्थितियाँ थी जैसे पाठयक्रम निर्देशकों का बार-बार
बदला जाना, कुछ अवधि के लिए निर्देशक का ही न होना, चिकित्सीय प्रमाण पत्र द्वारा समर्थित
होने पर अयर्थी का मानसिक परिपीडऩ, इसके उपरांत ही म.प्र. शासन छात्रवृत्ति गृहीता
को चूककर्ता घोषित करने या न करने का निर्णय लेगा। ऐसे प्रकरणों में म.प्र. शासन लघुतम
दूरी से इकॉनामी दर्जे का भारत वापसी का वायुमार्ग का किराया उपलध कराएगा और यदि छात्रवृत्ति
गृहीता को चूककर्ता घोषित किया गया है तो सपूर्ण धनराशि उस पर देय याज सहित वसूली योग्य
होगी। यदि छात्रवृत्ति गृहीता विदेश में अपना पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक सपन्न कर लेने
के बाद एक माह से अधिक अवधि के पश्चात भारत वापस लौटता है तो उसे वापसी किराए की प्रतिपूर्ति
की पात्रता नहीं होगी। अयर्थी से संबंधित ऐसे सभी अप्रत्याशित मामलों में म.प्र. शासन
संबंधित विभागों/एजेन्सियों के परामर्श से निर्णय लेगा, जिसके बारे में इस लिखित योजना
में उल्लेख नहीं किया गया है और इस संबंध में म.प्र. शासन का निर्णय अंतिम और छात्रवृत्ति
गृहीता पर बंधनकारक होगा।
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वित्तीय सहायता
नीचे दी गई वित्तीय सहायता की दरें पिछड़ा वर्ग प्रत्याशियों के लिए विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति
हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुरूप और तद्नुसार समय-समय पर
पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा पुनरीक्षित की जा सकेगी। निर्वाह भो
का मूल्य-इस योजना के अंतर्गत सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों के लिए वार्षिक निर्वाह भत्ता
7700/- अमरीकी डॉलर निर्धारित किया गया है। इंग्लैण्ड (यूके) में प्रत्याशियों के लिए
योजना में सभी स्तरों के पाठ्यक्रमों हेतु वार्षिक निर्वाह भत्ता 5000/- पौंड स्टर्लिंग
होगा। शोध/अध्यापक सहयोगवृत्ति से आय-छात्रवृत्ति गृहीता उन्हें अनुमत निर्धारित भात्तों
के अलावा अमेरिकन डॉलर 2400/- यूके (इंग्लैण्ड) में पाउण्डस्टर्लिंग 1560/- प्रतिवर्ष
की अधिकतम सीमा के अध्यधीन शोध/अध्यापन सहयोग वृत्ति प्राप्त कर सकेंगे, निर्धारित
ऊपरी सीमा से अधिक होने पर तद्नुसार योजनान्तर्गत उनके निर्वाह भत्ते में से कटौती
की जाएगी। आकस्मिकता भत्ता-किताबों, आवश्यक उपकरणों/अध्ययन यात्रा/टंकण और थीसिस की
जिल्दबंदी के लिए 500अमरीकन डॉलर और यू.के. इंग्लैण्ड में प्रत्याशियों हेतु 325 पाउण्ड
स्टर्लिंग वार्षिक आकस्मिक भत्ता देय होगा। पोल-टैक्स-जहाँ कहीं देय होगा, वास्तविक
खर्च देय होगा। वीजा शुल्क-वास्तविक वीजा शुल्क का भुगतान विद्यार्थी द्वारा स्वयं
किया जाएगा। उपकरण भत्ता और अनुषंगी यात्रा खर्चे-1100/- का उपकरण भत्ता और अमरीकन
डॉलर 15/- का अनुषंगी यात्रा भत्ता अथवा भारतीय रुपये में समतुल्य अनुमत है। शुल्क
और बीमा प्रीमियम-वास्तविक खर्च दिया जाएगा। वायुयान किराया-शैक्षणिक संस्थान के निकटतम
स्थान तक वायुमार्ग से जाने एवं वापसी की लघुतम वायुमार्ग से इकॉनामी दर्जे का किराया
उपलध कराया जाएगा। स्थानीय यात्रा-उतरने के पान (पोर्ट) से अध्ययन के स्थान तक जाने
एवं वापसी यात्रा हेतु द्वितीय श्रेणी का रेल किराया/दूरस्थ स्थानों के प्रकरण में,
जो कि रेल से न जुड़े हों, रहने के स्थान तक आने जाने का बस किराया, फेरी द्वारा उतराई
का वास्तविक मूल्य निकटतम रेल सह वायु स्टेशन तक का वायुमार्ग से किराया/अथवा लघुतम
मार्ग से उतरने के पान (पोर्ट) तक आने जाने का द्वितीय श्रेणी रेल किराया देने की अनुमति
होगी। मध्यप्रदेश शासन द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर आयोजन चयन साक्षात्कार देने के लिए
प्रत्याशी को निवास स्थान से संबंधित शहर तक आनेलृजाने के लिए द्वितीय श्रेणी का रेल
किराया/साधारण श्रेणी का बस किराया दिया जाएगा। उपर्निर्दिष्ट वित्तीय सहायता के भुगतान
का तरीका मध्यप्रदेश शासन द्वारा विनिश्चित किया जाएगा।
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छात्रवृत्ति की अवधी
विहित वित्तीय सहायता संबंधित पाठ्यक्रम/शोध के पूरा होने अथवा निम्रांकित अवधि, जो
भी पहले पूरी हो, तक के लिए देय होगी। 9.1.1 पी.एच.डी. उपरांत शोध 1- 1/2 वर्ष (डेढ़
वर्ष) 9.1.2 पी.एच.डी. 4. वर्ष (चार वर्ष) 9.1.3 स्नातकोत्तर उपाधि 20 वर्ष (दो वर्ष)
उपर्युक्त पाठ्यक्रमों के समुख दर्शाए अनुसार विहित समयावधियों से आगे जाकर रुकना भारत
वापसी हेतु वायुमार्ग किराए को छोडक़र बिना किसी वित्तीय सहायता के माना जा सकेगा। मात्र
संबंधित विश्वविद्यालय/ संस्थान के सक्षम प्राधिकारी द्वारा (साथ ही विदेश स्थित भारतीय
दूतावास द्वारा) इस आशय की प्रमाणित अनुशंसा प्राप्त होने पर कि एक विशिष्ट समयावधि
तक के लिए अधिक रुकना पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिए नितांत आवश्यक है, विचार किया
जा सकेगा। तथापि इस बारे में अंतिम निर्णय एकमेव म.प्र. शासन पर निर्भर करेगा। इस योजना
का क्षेत्राधिकार चुने हुए अयर्थी को विशिष्ट विषयों में उच्चतर अध्ययन के लिए विहित
आर्थिक सहायता उपलध कराना है इस योजना में छात्रवृत्ति गृहीता को नियोजन उपलध कराना
शामिल नहीं है और न ही छात्रवृत्ति पूरी करने के बाद कहीं उसे नियोजन प्राप्त करने
में कोई सहायता ही उपलध कराना।
यदि किसी प्रकरण में कोई अयर्थी जो विदेश में अध्ययन कर रहा है स्वयं द्वारा इस बारे
में निष्पादित बंधपत्र की शर्त और दशाओं का उल्लंघन करता है और यदि संबंधित विश्वविद्यालय/संस्थान
द्वारा अयर्थी के अध्ययन के बारे में म.प्र. शासन को प्रतिकूल प्रतिवेदन सूचित किया
जाता है अथवा प्रत्याशी वह देश छोडक़र अन्यत्र चला जाता है अथवा लापता हो जाता है अथवा
किसी अन्य विश्वविद्यालय संस्थान में अथवा पाठ्यक्रम में प्रवेश ले लेता है अथवा आकस्मिक
परिस्थिति में बिना म.प्र. शासन को सूचित किए भारत लौट आता है तो उसे चूककर्ता घोषित
कर दिया जाएगा एवं उस पर व्यय की गई सपूर्ण राशि मय 12 प्रतिवर्ष वार्षिक याज के लौटाने
हेतु वह दायित्वाधीन होगा और यदि प्रत्याशी मांग पत्र भेजे जाने की दिनांक से छः माह
के भीतर उसे नहीं लौटाता तो शेष राशि पर देय सामान्य याज के अतिरिक्त 2.5 प्रतिशत ब्याज
दाण्डिक भारित होगा। यदि अयर्थी शोध्य राशि मय ब्याज के म.प्र. शासन द्वारा निर्दिष्ट
अनुसार अदा कर पाने में विफल रहता है तो बंधपत्र निष्पादिरत करने वाले उसके सुरक्षादाता
इस सपूर्ण राशि के भुगतान हेतु उत्तरदायी होंगे और इसमें विफल रहने पर संबंधित जिले
का कलेक्टर इसे भू-राजस्व के बकाया की भांति वसूल करेगा।
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चयन पधती:
यह योजना उसका संक्षिप्त यौरा देते हुए समाचार पत्रों में विज्ञप्ति की जाएगी। प्रत्याशी
अपनी सक्षमता और उपयुक्तता निर्धारण करने के बाद, विहित प्रपत्र में जो कि विज्ञापन
का ही अंग होगा प्रमुख सचिव, पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग म.प्र. शासन
को आवेदन कर सकेंगे (नियोजित प्रत्याशी उपयुक्त प्रणाली से आवेदन भेजेंगे) विज्ञापन
में आवेदन करने की अंतिम तिथि का भी उल्लेख किया जाएगा। निश्चित दिनांक तक प्राप्त
समस्त आवेदन पत्र संवीक्षा हेतु गठित समिति के समक्ष रखे जाएंगे। संवीक्षा समिति द्वारा
लघुकृत प्रत्याशियों को साक्षात्कार के लिए चयन समिति के समक्ष बुलाया जाएगा। योग्यता
निर्धारण के लिए चयन समिति द्वारा तैयार की गई प्रावीण्य सूची जो गुणानुक्रम से हरेक
प्रत्याशी के आकलन के आधार पर बनेगी, अंतिम और निर्णायक रूप से चयन प्रक्रिया को सपन्न
कर देगी। दो प्रत्याशियों के बीच समानता की दशा में उनके बीच चयन उच्चतर माध्यमिक परीक्षा
के प्रमाणपत्र में दर्ज उनकी जन्मतिथि के आधार पर होगा अर्थात जो आयु में वरिष्टतर
होगा उसे चुना जाएगा। संवीक्षा समिति और चयन समिति का गठन म.प्र. शासन पिछड़ा वर्ग
तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा किया जाएगा।
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असत्य जानकारी देना :
जो कोई प्रत्याशी ऐसा दस्तावेज/जानकारी प्रस्तुत करता है जो असत्य ठहराए जाएँ वह इस
वृत्ति के लिए अयोग्य माना जाएगा और यदि उसने वृत्ति प्राप्त कर ली है तो उसके विरुद्ध
वसूली की कार्रवाई संस्थित की जाएगी जो कि उस पर व्यय धनराशि पर 15 प्रतिशत याज सहित
होगी। ऐसा प्रत्याशी भविष्य के लिए काली सूची में डाल दिया जाएगा और उसके इस कृत्य
के लिए उसके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही हेतु संबंधित नियोक्ता से म.प्र. शासन पहल करेगा।
अतः संबंधित नियोक्ताओं से भी अनुरोध किया जाता है कि वे इस विभाग को आवेदन अग्रेषित
करने से पूर्व आवेदन की विषयवस्तु की अच्छी तरह पड़ताल कर लें। ऐसे नियोक्ता अपने द्वारा
नियोजित अयर्थी कार्मिकों से अपने नियम निर्देशों के अनुसरण में आवयश्यक और जैसे वे
उचित समझे वैसे बंध पत्र निष्पादित कराने हेतु स्वतंत्र हैं। इस योजना से निष्पत्र
मामलों पर किसी वाद निराकरण के लिए भोपाल स्थित न्यायालयों का क्षेत्राधिकार रहेगा।
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आवेदन पत्र का प्रारूप :
इस योजना का उद्देश्य भारत में मैट्रिकोत्तर या माध्यमिकोत्तर कक्षाओं में पढऩे वाले
मध्यप्रदेश राज्य के पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना
है, जिससे वे अपनी शिक्षा पूरी करने में समर्थ हो सकें।
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